जानिए भारतीय ग्रांडमास्टर आर प्रगनानन्द के बारे मे

प्रगनानन्द भारत के एक सतरंज खिलाड़ी है जिनहोने कई एतिहास रचे है ।हाल ही मे वह सतरंज विस्वकप फ़ाइनल मे पहुचे थे । उनका मुक़ाबला कार्लसन से था विस्वकप का यह मुक़ाबला बहुत ही रोचक था । भारतीय ग्रांडमास्टर ने आर प्रगनानन्द ने फीडे सतरंज विस्वकप के फ़ाइनल मे कलसिकल मुक़ाबला बराबरी मे रहने के बाद दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी नार्वे के मगनस कार्लसन ने गुरुवार को 1.5 -0.5 से हराया

कार्लसन ने भारतीय प्रगनानन्द पर बनाया दबाव

कार्लसन ने ग्रांडमास्टर प्रगनानन्द बनाए के ऊपर दबाव रखा ।फिर भी 18 वर्ष के भारतीय ग्रांड मास्टर प्रगनानन्द ने भूत की अच्छा मुक़ाबला किया । कार्लसन को कड़ी चुनौती दी और 45 चलो के बाद वह जीत सके ।नार्वे के कार्लसन ने पहले बाजी जीतने के बाद रक्षात्मक खेल दिखाया लेकिन दोनों खिलाड़ियो के बीच मुकबाल बराबरी मे खत्म हुआ ।लेकिन दूसरी बाजी मे कार्लसन ने दबाव बनाए रखने मे कायम रहे ।कार्लसन पाच बार सतरंज विस्वकप जीत चुके है ।लेकिन प्रगनानन्द ने उनका मुक़ाबला बहुत ही दिलेरी से किया ।उन्होने दूसरे नंबर के खिलाड़ी हिकारु और तीसरे नंबर के खिलाड़ी फाबीयानो को हराकर अपनी जगह विस्वकप फ़ाइनल मे बनाई ।

कंडीडेटेस मे जगह बनाने वाले वह विस्व के सबसे युवा खिलाड़ी

प्रगनानन्द भले ही सतरंज का विस्व कप नही जीत पाये लेकिन वह अगले वर्ष होने वाले कनाडा के टूर्नामेंट मे जगह बनाने मे सफल रहे .।

जानिए सतरंज विस्वकप के बाद प्रगनानन्द ने क्या कहा

उन्होने कहा की उन्हे आशा नही थी की वह यहा तक पहुच पाएंगे ।लेकिन वह ऐसा कर सके एसमे उन्हे बहुत खुशी है ,उन्होने कहा की वह अकेले भारत मे सतरंज का भविस्य नही है ।मैंने अच्छा मुक़ाबला किया ।उन्होने यह भी कहा की यह भारतिए सतरंज का स्वर्णिम काल है उन्होने कहा की ऐसा नही है की वह अकेले भारत के सतरंज के भविस्य है गुकेश निहाल ,और अर्जुन जैसे खिलाड़ी भी है जो लगातार बेहतर कर रहे है ।प्रगनानन्द ने हाल ही मे 12 की परीक्षा पास की है उन्होने अपने स्कूल वालो का धन्यवाद किया की उन्होने उनका पूरा सहयोग किया ।

Leave a Comment